पाकिस्तान में बांग्लादेश की आज़ादी के ज़िक्र पर बंदिश

हाल ही में पाकिस्तान की लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज में बांग्लादेश के पाकिस्तान से अलग होने की पचासवीं वर्षगांठ पर होने वाले एक पांचदिवसीय सम्मलेन को रद्द कर दिया गया. इस बारे में पाकिस्तान के पत्रकार वुसतुल्लाह ख़ान का नज़रिया.

1971: वह साल जब भारत ने अपने बारे में अच्छा महसूस किया

भारतीय इतिहास में 1971 एक ऐसे साल के तौर पर दर्ज है, जब मुश्किल यथार्थ के बीच भी भारत ने अपने बारे में अच्छा महसूस किया. यह सिर्फ उम्मीद का साल नहीं था, भारत में छिपे जीत के जज़्बे की आत्मपहचान का वर्ष भी था.

बांग्लादेश में ‘वेस्टेड प्रॉपर्टी एक्ट’ के शिकार हिंदू अल्पसंख्यक

ग्राउंड रिपोर्ट: साल 1965 में तत्कालीन पाकिस्तान सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम बनाया था, जिसे अब वेस्टेड प्रॉपर्टी एक्ट के नाम से जाना जाता है. भारत के साथ जंग में हुई हार के बाद अमल में लाए गए इस क़ानून के तहत 1947 में पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से भारत गए लोगों की अचल संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था.

असम: बीएसएफ सब इंस्पेक्टर और उनकी पत्नी विदेशी घोषित

इससे पहले विदेशी नागरिक प्राधिकरण कारगिल युद्ध में भाग ले चुके मोहम्मद सनाउल्लाह और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान मामुद अली को भी विदेशी घोषित कर चुका है. सनाउल्ला की घटना के तुरंत बाद, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि किसी भी जवान को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी.

असम: एनआरसी के ख़िलाफ़ एबीवीपी का विरोध-प्रदर्शन, कहा- मूल निवासियों के नाम छूटे

एनआरसी के प्रकाशन को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए एबीवीपी ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. जब तक इसे दोबारा सत्यापित कर सौ फीसदी 'त्रुटिहीन' नहीं बनाया जाता, इसका प्रकाशन नहीं होना चाहिए.

एनआरसी की अंतिम सूची में छूटे लोगों के लिए अपील करने की व्यवस्था करेगी सरकार: गृह मंत्रालय

गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा गया कि अगर किसी का नाम सूची में नहीं है तो वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन के अंदर अपील दायर कर सकते हैं. यह समय सीमा पहले 60 दिन की थी.

पहचान और हक़ के लिए लड़ती ‘मिया कविता’

मिया कविता, मिया समुदाय की अस्मिता की लड़ाई है, अपनी भाषा-संस्कृति, अपनी पहचान की लड़ाई है. वे अपनी कविताओं के माध्यम से इस भूखंड पर अपनी पहचान, अपने अस्तित्व और अपने हक़ की मांग कर रहे हैं.

गृह मंत्रालय द्वारा 1964 के विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में किए गए बदलावों का अर्थ क्या है?

बीते मई में विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में हुए संशोधन ने विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए देश भर में ऐसे न्यायाधिकरण खोले जाने की संभावना के बारे में बहस की शुरुआत की, जिसके बाद इसे लेकर गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. जानिए क्या हैं विदेशी न्यायाधिकरण और इससे जुड़े नियम.

एनआरसी की जड़ें असम के इतिहास से जुड़ी हुई हैं

असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?

विकास योजनाओं में अदूरदर्शिता का विनाशकारी मॉडल है फरक्का बैराज

विशेषज्ञों का मानना है कि फरक्का बैराज परियोजना से जितना फायदा हुआ उससे कई गुना ज़्यादा नुकसान हो चुका है. इसका कोई समाधान न निकाला गया तो व्यापक तबाही के लिए तैयार रहना होगा.