इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, जिस तरह से जानकार न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता की अनदेखी कर ज़मानत देने में जल्दबाज़ी दिखाई, उससे उनकी मंशा पर संदेह होता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, जिस तरह से जानकार न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता की अनदेखी कर ज़मानत देने में जल्दबाज़ी दिखाई, उससे उनकी मंशा पर संदेह होता है.