दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एमए के पाठ्यक्रम से दलित लेखक और चिंतक कांचा इलैया शेपहर्ड की किताब हटाने के प्रस्ताव पर उनका कहना है कि विश्वविद्यालय अलग-अलग विचारों को पढ़ाने, उन पर चर्चा करने के लिए होते हैं, वहां सौ तरह के विचारों पर बात होनी चाहिए. विश्वविद्यालय कोई धार्मिक संस्थान नहीं हैं, जहां एक ही तरह के धार्मिक विचार पढ़ाए जाएं.
इलैया की किताब बैन करने की याचिका ख़ारिज करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि हम किताबों पर प्रतिबंध लगाने के लिए यहां नहीं बैठे हैं. किसी किताब को सिर्फ इसलिए बैन नहीं किया जा सकता क्योंकि वो विवादित है.
पुस्तक के ज़रिये कथित धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में हैदराबाद पुलिस ने कांचा इलैया के विरुद्ध मामला दर्ज किया है.
साक्षात्कार: लेखक और चिंतक कांचा इलैया शेपहर्ड अपनी किताब ‘पोस्ट-हिंदू इंडिया’ के लिए विवादों में हैं. उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है. उनसे बातचीत.