इस योजना पर साल 2014-15 से 2018-19 तक में मोदी सरकार कुल 648 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है. इनमें से केवल 159 करोड़ रुपये ही जिलों और राज्यों को भेजे गए हैं. वहीं 364.66 करोड़ रुपये मीडिया संबंधी कार्यों पर ख़र्च किए गए और 53.66 करोड़ रुपये जारी ही नहीं किए गए.