जिस पैगम्बर के व्यवहार ने उनपर रोज़ कूड़ा फेंकने वाली औरत को बदलने पर मजबूर कर दिया, उन्हीं के कुछ अनुयायी एक फेसबुक पोस्ट मात्र पर हिंसक हो जाते हैं.
जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने गाय और गोरक्षा के नाम पर क़ानून हाथ में न लेने की अपील की थी, उसी दिन झारखंड में एक व्यक्ति को गोमांस ले जाने के संदेह में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.
जिस दिन प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि गाय और गोरक्षा के नाम पर किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई.
ऊपर से शांत दिखने वाली भीड़ का हिंसक बन जाना अब हमारे वक्त़ की पहचान बन रहा है. विडंबना यही है कि ऐसी घटनाएं इस क़दर आम हो चली हैं कि किसी को कोई हैरानी नहीं होती.
योग दिवस के कार्यक्रम में 51 हज़ार लोगों को जुटाने की योजना थी, जिसके लिए पूरे परिवहन विभाग को ड्यूटी पर लगा दिया गया.
होशंगाबाद के नर्मदा प्रसाद यादव के पांच से छह लाख रुपये क़र्ज़ लिया था जो बढ़कर 30 लाख हो गया. साहूकार की प्रताड़ना के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली.
जिन 12 किसानों ने आत्यहत्या की है, उनमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर के सबसे ज़्यादा चार किसान हैं.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग के दौरान मारे गए किसानों की हत्या के विरोध में गुरुवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत हुई.
मध्य प्रदेश में 24 घंटे में तीन किसानों ने की आत्महत्या. भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय बोले- क़र्ज़ नहीं, पारिवारिक कारण या फ्रस्ट्रेशन है आत्महत्या की वजह.
सोलह से अधिक राज्यों के किसानों ने मिलकर बनाई समन्वय समिति. 16 जून को दिल्ली में बैठक के बाद तय होगी किसान आंदोलन की रणनीति.
तमिलनाडु के कुछ किसान जंतर मंतर पर पिछले 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. उनका कहना है कि यदि हमारी मांगें मानी नहीं गईं तो 25 मई से फिर आंदोलन करेंगे.
'आंदोलन के सारे गांधीवादी-सत्याग्रही तरीक़े चूक जाने के बाद अगर तमिलनाडु के किसान हथियार उठा लें तो उसके लिए कौन ज़िम्मेदार होगा?'
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'आधिकारिक भाषाओं पर बनी संसदीय समिति' की छह साल पहले की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.
जंतर मंतर पर अनशन पर करीब महीने भर से अनशन पर बैठे तमिलनाडु के किसानों ने राष्ट्रपति भवन के पास कपड़े उतारकर अपना विरोध ज़ाहिर किया.
वे मुझे मार डालेंगे, मुझे थप्पड़ मार देना’, 'मुझे लात मार कर सत्ता से हटा देना’, 'मुझे फांसी पर चढ़ा देना’, 'मुझे उलटा लटका देना’, 'मुझे चौराहे पर जूते मारना’.... ये सब मोदी क्यों बोलते हैं?