मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का है. लॉकडाउन से पहले एक रेस्टोरेंट में काम करने वाले 50 वर्षीय भानु प्रकाश गुप्ता की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है. उनके परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा हैं.
एक अन्य घटना में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले में दिल्ली से गांव लौटे एक प्रवासी मज़दूर की घर से कुछ दूरी पर मौत हो गई. गुजरात के राजकोट शहर में घर जाने के लिए बस का इंतज़ार कर रहे एक कृषि मज़दूर की मौत वाहन की चपेट में आ जाने से हो गई.
पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मज़दूर छह माह पहले गुजरात के सूरत में मज़दूरी करने चले गए थे. 20 मई को वापस आने पर उन्हें उनके गांव में बने सरकारी क्वारंटीन सेंटर में ठहराया गया था.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि राज्य ट्रेनों में सवार ग़रीब मज़दूरों के जीवन की रक्षा करने में विफल रहे हैं. आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव, रेलवे और गुजरात और बिहार की सरकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत जवाब देने को कहा है.
लॉकडाउन के चलते बांदा ज़िले के लोहरा गांव के 22 वर्षीय सुरेश पिछले हफ़्ते दिल्ली से आए थे, वहीं पैलानी थाना क्षेत्र के 20 साल के मनोज दस दिन पहले मुंबई से लौटे थे. इन दोनों ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि वे पैसे की कमी से परेशान थे.
ये नौ मौतें उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली अलग-अलग ट्रेनों में हुईं. रेलवे की ओर से कहा गया है कि अधिकतर मौतों के मामले में मृतक पहले से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे थे.
वीडियो: सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर महिला का शव के पास एक बच्चा नज़र आता है. अहमदाबाद से बिहार आ रही श्रमिक ट्रेन में सवार इस महिला के परिजनों का आरोप है कि खाने-पीने को न मिलने से तबियत ख़राब होने के बाद उनकी मौत हो गई. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
एक दुर्घटना मिर्जापुर के लालगंज थाना क्षेत्र में हुई, जिसमें महाराष्ट्र से बिहार जा रहे तीन मजदूरों की मौत हुई. दूसरा हादसा बुलंदशहर जिले में हुआ, जिसमें गुजरात से बिजनौर जा रहे दो श्रमिकों की मौत हो गई.
कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं देने की वजह से धरने पर बैठने के लिए गिरफ्तार किए गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आगरा की एक अदालत ने बुधवार को जमानत दे दी थी. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज के मामले में गिरफ्तार कर लिया था.
प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें उपलब्ध कराने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पेशकश स्वीकार करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों की सूची में कुछ अन्य वाहनों के नंबर होने का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है.
इससे पहले रेल मंत्रालय द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि जिस राज्य से प्रवासी चलेंगे, उस राज्य को जिस राज्य में प्रवासी लौटना चाहते हैं, उसकी सहमति लेनी होगी. रेलवे ने बताया है कि अब तक 1,600 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 21 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है.
वीडियो: दिल्ली से लगे गाज़ियाबाद के रामलीला मैदान में सोमवार को अचानक घर जाने की उम्मीद में प्रवासी श्रमिकों का हुजूम उमड़ आया था, जिसे संभालने में प्रशासन को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मंगलवार को गाज़ियाबाद प्रशासन ने मैदान में मज़दूरों को जाने से रोक दिया. द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और गौरव भटनागर की इन श्रमिकों से बातचीत.
25 साल के हरीराम चौधरी द्वारका में रहकर मार्बल काटने का काम करते थे, जो दो महीने से ठप है. पांच दिन पहले अपनी मां की मौत की ख़बर पाने के बाद से वे घर जाने की उम्मीद लिए पैदल ही शहर भर की खाक़ छान रहे हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रवासी मज़दूरों से बीते दिनों मुलाकात की थी. राहुल गांधी के इस क़दम को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें ड्रामेबाज़ बताया था. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अब कोई प्रवासी मज़दूर सड़कों और रेलवे ट्रैक पर न पाया जाए और उन्हें विशेष बसों या विशेष श्रमिक ट्रेनों में बिठाकर उनके गंतव्य रवाना जाए.