लखनऊ की सत्र अदालत द्वारा ज़मानत याचिका खारिज़ किए जाने के बाद प्रशांत कनौजिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था. प्रशांत को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एक कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए 18 अगस्त को दिल्ली में उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था.
पत्रकार प्रशांत कनौजिया को एक ट्वीट के चलते 18 अगस्त को यूपी पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. सोमवार को यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में दायर उनकी ज़मानत याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है, जिसके लिए अदालत ने अनुमति दे दी है.
एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार जेलों में बंद दलित, आदिवासी और मुस्लिमों की संख्या देश में उनकी आबादी के अनुपात से अधिक है, साथ ही दोषी क़ैदियों से ज़्यादा संख्या इन वर्गों के विचाराधीन बंदियों की है. सरकार का डॉ. कफ़ील और प्रशांत कनौजिया को बार-बार जेल भेजना ऐसे आंकड़ों की तस्दीक करता है.
यूपी पुलिस द्वारा दूसरी बार प्रशांत कनौजिया को गिरफ़्तार किया गया है. उन पर हिंदू आर्मी के नेता की पोस्ट से छेड़छाड़ कर प्रसारित करने के आरोप में आईपीसी की नौ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें अधिकतम सात साल तक क़ैद की सज़ा दी जा सकती है.
भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार हो या केंद्र की मोदी सरकार, अपने फ़ैसलों में दोनों कदम-दर-कदम पुराने दिनों वाली कांग्रेसी सरकार के निर्णयों की ही पुनरावृत्ति करती दिखाई दे रही हैं. योगी सरकार ने ट्वीट के लिए गिरफ़्तारी करवाई है, वहीं इसी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के जीबी पंत ने गीतकार शैलेंद्र की एक कविता पर प्रतिबंध लगाया था.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के कारण गिरफ़्तार हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए हुई गिरफ़्तारियां विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा आम लोगों की आवाज़ दबाने के लिए क़ानून के दुरुपयोग के पैटर्न का ही हिस्सा है.
सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो में दो युवक कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके परिवार को कथित तौर पर गाली देते हुए नज़र आए थे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार करने पर राहुल गांधी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. पत्रकारों को तत्काल रिहा किया जाए.
स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'नागरिक की स्वतंत्रता पवित्र है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है. इसे संविधान द्वारा सुनिश्चित किया गया है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है.'
हालिया गिरफ़्तारी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हुई है. यहां पर पीर मोहम्मद और राम प्रसाद नाम नाम के दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा हर रेप की अलग प्रकृति होता है. कई बार सात-आठ साल रिश्ते में रहने के बाद भी महिलाएं रेप का आरोप लगा देती हैं, ऐसा है तो सवाल उठेगा ही कि सात साल पहले क्यों नहीं कहा.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को तीन पत्रकारों प्रशांत कनौजिया, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला को गिरफ़्तार किया है.
उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित 'नेशन लाइव' न्यूज चैनल ने एक परिचर्चा आयोजित की थी, जिसमें एक महिला द्वारा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर लगाए गए कथित अपमानजनक आरोपों पर चर्चा की गई थी. एक राजनीतिक दल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चैनल की हेड इशिका सिंह और उसके संपादक अनुज शुक्ला को गिरफ़्तार कर लिया.