जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि उसने यह पत्र किसी की सेवा को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि विश्वविद्यालय की सर्वोच्च वैधानिक निकाय कार्यकारी परिषद द्वारा समीक्षा करने की जानकारी देने के लिए लिखा है और ऐसा अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे एमआईटी और प्रिसंटन विश्वविद्यालय में भी होता है.