जेएनयू के छात्र नजीब अहमद 2016 से लापता हैं. बीते दिनों सीबीआई ने इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट सौंपी है.
जेएनयू के एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू कैंपस से लापता हो गए थे. तब से उनका कुछ पता नहीं चल सका है.
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्विटर पर अपने नाम के साथ चौकीदार जोड़ने के बाद 2016 में लापता हुए छात्र नजीब अहमद की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने उनसे पूछा कि देश की सर्वोच्च एजेंसियां क्यों नजीब को ढूंढने में नाकाम रहीं.
सीबीआई ने हाईकोर्ट को बताया कि उसे इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि गायब होने से एक दिन पहले नजीब अहमद को प्रताड़ित किया गया था.
जेएनयू छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और उन्हें न्याय मिलेगा. ईश्वर उन लोगों को सजा देगा जिन्होंने नजीब को उसकी मां से छीन लिया.
जेएनयू से लापता हुए छात्र नजीब अहमद के आईएसआईएस से जुड़ने की ख़बर प्रसारित करने के ख़िलाफ़ उनकी मां फ़ातिमा नफ़ीस ने 2.2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है.
सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को मामले की स्थिति रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि जांच के सिलसिले में ज़ब्त जेएनयू के नौ छात्रों के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आनी बाकी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, नजीब के मामले की जांच करने में सीबीआई की ओर से दिलचस्पी का पूरी तरह अभाव है.