गौहाटी उच्च न्यायालय ने जेलों में डिटेंशन सेंटर चलाने के लिए असम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे केंद्र बनाने के बारे में दिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में भी कहा गया है कि इन्हें जेल परिसर के बाहर बनाया जाना चाहिए.
असम में विदेशी न्यायाधिकरण के सदस्य केके गुप्ता ने पिछले महीने स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को लिखे पत्र में कहा था कि कुछ सदस्यों द्वारा कोविड-19 के लिए इकट्ठा किए गए पैसों को दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठक में शामिल होने वालों को राहत देने में इस्तेमाल न किया जाए क्योंकि वे जिहादी और जाहिल हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि असम के डिटेंशन सेंटरों में ऐसे 'घोषित विदेशी' जो यहां दो साल का समय गुज़ार चुके हैं, उन्हें मौजूदा हालात के मद्देनज़र सशर्त रिहा किया जाए.
असम में अंतिम एनआरसी 31 अगस्त को जारी की गई थी, जिसमें 19 लाख से ज़्यादा आवेदकों के नाम शामिल नहीं थे. एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं उन्हें अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के 120 दिन के भीतर विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करनी होगी.