यदि चीन के सामने पूर्ण समर्पण को रोकना है, तो सबसे पहले भारत को एक मज़बूत औद्योगिक नीति लानी होगी.
कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के चलते शेयर बाजार पर दबाव देखने को मिला.
ख़य्याम ने जितनी फिल्मों के लिए काम किया उससे कहीं ज़्यादा फिल्मों को मना किया. एक-एक गाने के लिए वो अपनी दुनिया में यूं डूबे कि जब ‘रज़िया सुल्तान’ की धुन बनाई तो समकालीन इतिहास में तुर्कों को ढूंढा और और ‘उमराव जान’ के लिए उसकी दुनिया में जाकर अपने साज़ को आवाज़ दी.
92 वर्ष के संगीतकार ख़य्याम ने सोमवार रात 9:30 बजे अंतिम सांस ली. फेफड़ों में संक्रमण के चलते उन्हें 10 दिन पहले मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
आरबीआई गवर्नर का पद संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में शक्तिकांत दास ने कहा कि तेल, खाद्य-पदार्थ और तमाम वस्तुओं की कीमतों में अनिश्चितता की स्थिति महंगाई के मूल्यांकन में बाधक हैं. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने विकास दर के आंकड़ों को बोगस बताया.
शुरुआती कारोबार में रुपया 24 पैसे गिरकर 74.45 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है. वहीं सेंसेक्स 1,030 अंक गिरकर 34,000 अंक के स्तर से नीचे चला गया.
सेंसेक्स शुक्रवार को 792 अंक का गोता लगाकर छह महीने के न्यूनतम स्तर 34,376.99 पर बंद हुआ.
गुरुवार को सेंसेक्स 806 अंक टूटकर 35,200 अंक से नीचे आ गया. यह इसका तीन महीने का निचला स्तर है. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 259 अंक के नुक़सान से 10,600 अंक से नीचे आ गया.
आज़ादी के 71 साल: सरकार यह महसूस नहीं करती है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा पर किया गया सरकारी ख़र्च वास्तव में बट्टे-खाते का ख़र्च नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य के लिए किया गया निवेश है.
रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहा, इस समय आर्थिक वृद्धि को लेकर अनुमान लगाना काफ़ी मुश्किल है. उच्च वृद्धि के लिए दो साल की और ज़रूरत है.
वैश्विक फर्म मर्जरमार्केट ने कहा, भारत में विलय और अधिग्रहण सौदों में 63.4 प्रतिशत की गिरावट आई. एयरटेल के सुनील मित्तल बोले, देश में कारोबार आसान करना अब भी मुख्य चुनौती.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का तीन पक्षीय सुधारों का सुझाव. जेटली बोले- भारत के पास अगले एक-दो दशक में उच्च वृद्धि की क्षमता है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी वृद्धि दर अनुमान घटाया, ओपेक ने कहा भारत मज़बूत वृद्धि के रास्ते पर.
'किसी समाज व शासन की सफलता इस तथ्य से समझी जानी चाहिए कि वहां नारी व प्रकृति कितनी संरक्षित व पोषित है, उन्हें वहां कितना सम्मान मिलता है.'
भारत सरकार अब इस बात से सहमत है कि खाद्य सब्सिडी को कम से कम किया जाना होगा, इस कारण से पूरी संभावना है कि भारत में रोज़गार, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक गैर-बराबरी का दर्द अब और ज़्यादा बढ़ेगा.