बीते 28 मार्च की शाम दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मज़दूरों की भीड़ घर जाने के लिए जुट गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि फेक न्यूज़ के कारण यह भीड़ जुटी थी.
वीडियो: दिल्ली गोल्फ़ क्लब ने 66 कर्मचारियों को पिछले सप्ताह निकाल दिया गया. क्लब प्रबंधन ने छंटनी का कारण कोरोना वायरस के कारण हो रही आमदनी में गिरावट को बताया है.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक ग़रीबी दर में 22 वर्षों में पहली बार वृद्धि होगी. भारत की ग़रीब आबादी में एक करोड़ 20 लाख लोग और जुड़ जाएंगे, जो विश्व में सर्वाधिक हैं.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र के मोतियारी गांव का मामला. कथित तौर पर आर्थिक परेशानी के चलते ज़हर खाने के बाद महिला और उसके बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. ज़िले में पिछले एक पखवाड़े के दौरान छह से सात लोगों के आत्महत्या करने की खबरें चुकी हैं.
लैंसेट के अध्ययन के अनुसार कोविड का मातृत्व मृत्यु और बाल मृत्यु दर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. इसके अनुसार भारत में छह महीनों में 3 लाख बच्चों की कुपोषण और बीमारियों से 14 हज़ार से अधिक महिलाओं की प्रसव पूर्व या इसके दौरान मृत्यु हो सकती है. हालांकि वित्तमंत्री द्वारा घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज में कुपोषण और मातृत्व हक़ के लिए एक रुपये का भी आवंटन नहीं किया गया है.
वीडियो: देश में कोरोना महामारी की वजह से लगभग 11 करोड़ लोग बेरोज़गार हो चुके हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रेम शंकर झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने बात की.
गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को आदेश जारी कर कहा था कि सभी नियोक्ताओं को लॉकडाउन के दौरान अपने श्रमिकों की सैलरी में कोई कटौती किए बिना पूरी सैलरी देनी होगी.
मध्यम वर्ग को पता है कि छह साल में उसकी कमाई घटी ही है, बिजनेस में गच्चा ही खाया है. उसके मकानों की कीमत गिर गई है, हर राज्य में सरकार नौकरी की प्रक्रिया की दुर्गति है, वह सब जानता है, लेकिन ये समस्याएं न तो नौजवानों की प्राथमिकता हैं और न ही उनके मध्यमवर्गीय माता-पिता की.
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो यह स्वैच्छिक भागीदारी वाली प्रक्रिया होगी और चयन मानदंडों को हल्का नहीं किया जाएगा.
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा 12 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में कहा गया कि शहरी क्षेत्रों में 10 में से आठ श्रमिक (80 फीसदी) और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 में से लगभग छह श्रमिक (57 फीसदी) अपना रोज़गार खो चुके हैं. साथ ही ज़मीन पर राहत के तात्कालिक उपाय स्थिति की गंभीरता के अनुपात में नहीं दिखाई देते हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल में मासिक बेरोज़गारी दर 23.52 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो मार्च में 8.74 प्रतिशत थी. रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन लंबा चलने पर बेरोज़गार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है.
लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने संबंधी गृह मंत्रालय की अधिसूचना को नागरीका एक्सपोर्ट्स और फिक्स पैक्स प्राइवेट लिमिटेड सहित तीन निजी कंपनियों ने चुनौती दी है.
अमेरिकी श्रम विभाग का कहना है कि 18 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में देश के 44 लाख से अधिक लोगों ने बेरोज़गारी लाभ के लिए आवेदन किया है.
विश्व बैंक की ‘प्रवासी के नजरिये से कोरोना वायरस संकट’ नामक रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक प्रवास की तादाद अंतरराष्ट्रीय प्रवास के मुकाबले करीब ढाई गुना है. विश्व बैंक ने कहा कि सरकारों को नकदी हस्तांतरण तथा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए इनकी मदद करनी चाहिए.
अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अंतर्देशीय यात्री परिवहन साधनों पर रोक की घोषणा और इसे लागू करने के बीच एक दिन से भी कम समय लगा जिससे अव्यवस्था उत्पन्न हो गई.