बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने उल्फा (आई) गुट के नेता परेश बरुआ से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की. वहीं, उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ ने कहा कि यदि हम एक संप्रभु और स्वतंत्र असम के बारे में चर्चा करने और इस मुद्दे पर निष्कर्ष पर आने में सक्षम हैं, तो हम निश्चित रूप से इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
बोडो संगठन लगभग पांच दशक से पृथक राज्य की मांग करते रहे हैं. केंद्र सरकार ने असम के उग्रवादी समूहों में से एक एनडीएफबी और दो अन्य संगठनों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते में कहा गया है कि एनडीएफबी के सदस्यों के ख़िलाफ़ ग़ैर-जघन्य आपराधिक मामलों को वापस लिया जाएगा.