वीडियो: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पिछले साल दिसंबर में कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में 29 जनवरी को डॉ. कफ़ील ख़ान को गिरफ़्तार किया गया था. बीते एक सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन पर लगाए राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून को रद्द कर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. रिहा होने के बाद डॉ. कफ़ील से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
दिल्ली पुलिस ने फरवरी में हुई हिंसा के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेएनयू छात्रा देवांगना कलीता को गिरफ़्तार किया था. उनकी ज़मानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट के उनके कथित भड़काऊ भाषण के वीडियो मांगने पर पुलिस ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है.
साल 2011 में उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर एक प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने और उनके पांच सहयोगियों पर दूसरे समुदाय के एक युवक को प्रताड़ित करने और उनके ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया था.
साल 2019 में हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडेय और उनके पति अशोक पांडेय को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके पुतले को गोली मारने के लिए अलीगढ़ पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.
नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने वाले सांसदों/विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा शासित उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है. राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में भी वृद्धि हुई है.