पिछली जनगणना के अनुसार देश में 20 लाख से ज़्यादा महिलाएं अपने पति से अलग रहती हैं, जिन्हें छोड़ा गया है. ऐसा क़ानून आना चाहिए जिससे न केवल मुस्लिम बल्कि इस तरह पत्नियों को छोड़ देने वाले सभी पतियों को सज़ा मिल सके.
पतियों द्वारा एक़तरफा तरीके से छोड़ी गई हर औरत की ज़िंदगी दयनीय है. पिछली जनगणना के अनुसार भारत में कुल 23 लाख परित्यक्त औरतें हैं, जो तलाक़शुदा औरतों की संख्या के दोगुने से ज़्यादा है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हलाला और बहु विवाह के मामले में जल्द जवाब दाख़िल करने का निर्देश दिया है. मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक समीना बेगम की ओर से पेश अधिवक्ता शेखर और अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि उनकी मुवक्किल को धमकी दी जा रही है.
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सहसंस्थापक ज़किया सोमन कहती हैं कि जो तीन तलाक़ क़ानून का विरोध कर रहे हैं, शायद वे पीड़ित महिलाओं की हालत से वाकिफ़ नहीं हैं.
मुस्लिम महिला कार्यकर्ताओं ने कहा, प्रस्तावित क़ानून में तीन तलाक़ के साथ निकाह, हलाला और बहुविवाह भी शामिल हो. सभी दल मिलकर मुस्लिम महिलाओं के मुद्दों का समाधान करें.
अब तक तीन तलाक़, हलाला, मुता निक़ाह जैसी कुप्रथाएं चली आ रही हैं. उनके ख़िलाफ़ आपने कभी आवाज़ नहीं उठाई. जब प्रताड़ित मुस्लिम औरतें ख़ुद बाहर निकलीं तो सेक्युलरिज़्म याद आ रहा है!
तीन तलाक़ और मुस्लिम महिलाओं के मुद्दों पर भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की संस्थापक ज़किया सोमन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
तीन तलाक़ से प्रभावित हिंदू महिलाओं की दुर्दशा का जिक्र करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाख़िल की गई थी.
तीन तलाक़ और मुस्लिम महिलाओं से जुड़े मसलों पर भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (#BMMA) की संस्थापक ज़किया सोमन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक सदस्य ने 18 महीने तीन तलाक़ की प्रथा ख़त्म करने की बात कही है. बीएमएमए ने पूछा अभी क्यों नहीं ख़त्म किया जा सकता तीन तलाक़?
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने तीन तलाक़ की व्यवस्था ख़त्म करने और पर्सनल लॉ में सुधार की ज़रूरत को महत्वपूर्ण बताया है.