वीडियो: 16 अगस्त, 1904 को इलाहाबाद के निकट निहालपुर गांव में जन्मीं सुभद्रा कुमारी चौहान ने महज़ नौ साल की उम्र में अपनी पहली प्रकाशित कविता लिखी थी. वह स्वतंत्रता आंदोलन में भी शामिल रही हैं. स्वतंत्रता से पूर्व स्त्री अधिकारों पर लिखने वाली वह देश की पहली महिला लेखक थीं.
गिरीश कर्नाड के नाटकों में बेहद सुंदर संतुलन देखने को मिलता है, जहां वह भारत के तथाकथित स्वर्णिम अतीत या पौराणिक मिथक को कच्चे माल की तरह उपयोग तो करते हैं, पर उसके मूल में कोई समसामयिक समस्या या वर्तमान समाज के विरोधाभास ही निहित रहते हैं.
किरण नागरकर ने मराठी और अंग्रेज़ी भाषा में सात उपन्यास लिखे हैं. उन्हें अपने उपन्यास क्यूकोल्ड के लिए 2001 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
गिरीश कर्नाड आज़ादी के बाद आई पहली पीढ़ी के उन कलाकारों में से थे, जिन्होंने भारतीय रंगमंच के लिए सबसे गंभीर और चिरस्थायी नाटकीय लेखन की नींव रखी.