उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा किए हमले में बुरी तरह घायल हुए समीउद्दीन को महीने भर बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. उनका कहना है कि वे मामले के चश्मदीद हैं, लेकिन पुलिस उनका बयान नहीं ले रही है.
घायल समीउद्दीन के भाई का कहना है कि जब उन्होंने एफआईआर पर दस्तखत किये तब पुलिस ने उन्हें घटनाक्रम की गलत जानकारी दी थी. घटना का वीडियो सामने आने पर उन्हें सच का पता चला.
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हफ्ते भर के भीतर बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पिटाई का यह तीसरा मामला है.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के पिलखुआ क्षेत्र में 18 जून को ग्रामीणों ने गोहत्या के शक में दो मुस्लिम व्यक्तियों को पीटकर घायल कर दिया था. इनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. परिवारवालों का आरोप, पुलिस से जैसा कहा वैसी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई.
हापुड़ के मदापुर गांव निवासी समीउद्दीन के खेत पर गाय एवं बछिया बंधी देख ग्रामीणों को गोवध करने का शक हुआ. उन्होंने समीउद्दीन और उनके साथी कासिम पर हमला कर दिया जिसमें कासिम की मौत हो गई. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया.