सेकुलर शक्तियों को याद रखना चाहिए कि 1974 के बाद से ही संघ परिवार बड़ी होशियारी के साथ दलित और पिछड़े प्रतीकों को हड़प के अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करने के कौशल को विकसित करने में लगा हुआ है.
बढ़ती जातीय और सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं प्रधानमंत्री मोदी की विकास के उनके घोषित एजेंडे के अनुकूल नहीं रहीं, लिहाजा देश को अपेक्षा थी कि ऐसी घटनाओं पर मोदी सख्ती से पेश आएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह से कृष्णकांत की विशेष बातचीत.
झारखंड और सहारनपुर में हुई हालिया हिंसा से उपजे सामाजिक तनाव का जायजा लेकर लौटे द वायर के पत्रकार अजय आशीर्वाद और कृष्णकांत की बातचीत.
दलित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ रविवार को भीम सेना ने राजधानी दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया, जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए.