सीवीसी की एक हालिया रिपोर्ट हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई के पास भ्रष्टाचार से संबंधित 6,226 मामलों की सुनवाई लंबित है और इनमें से 182 मामलों की सुनवाई तो 20 साल से भी अधिक समय से लंबित है.
मद्रास उच्च न्यायालय के जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने अपने आदेश में कहा कि आम आदमी सरकारी दफ़्तरों में और सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली से पूरी तरह से हताश है.
सवाल है कि क्या हमारे नेता नौकरशाही में अपने समर्थ सहयोगियों की मिलीभगत के बग़ैर ही अकूत काला धन जमा करने और तरह-तरह के अपराध करने में कामयाब हो जाते हैं?