एक आरटीआई के तहत गृह मंत्रालय से पूछा गया था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? इसके सदस्य कौन-कौन हैं? उन्हें आईपीसी की कौन-सी धाराओं के तहत क्या दंड दिया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय द्वारा वर्दी सहित 6,000 करोड़ रुपये के सैन्य उत्पादों की ख़रीद रद्द करने के फैसले से रक्षा उत्पादन इकाइयों के लगभग छह लाख लोगों के बेरोज़गार होने और तैयार उत्पादों की बर्बादी का ख़तरा पैदा हो गया है.