घटना महोबा की है, जहां हाल ही में ग्राम प्रधान बनीं एक दलित महिला ने आरोप लगाया है कि गांव के पंचायत भवन में ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. उन्हें कुर्सी से उतरने को कहते हुए जातिसूचक टिप्पणियां भी की गईं.
इस साल जुलाई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम की की सोसाइटी में रहने वाली 62 वर्षीय एक महिला ने उनके ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी और दरवाजे पर पेशाब करने का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में उन्होंने यह शिकायत वापस ले ली थी.
पीड़ित परिवार का कहना है कि दबाव में यह शिकायत वापस ली गई है. पुलिस ने शिकायत वापस लेने से कुछ घंटे पहले ही एबीवीपी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.
महिला और एबीवीपी के अध्यक्ष के बीच पार्किंग को लेकर विवाद हुआ. महिला ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और कुछ तस्वीरें दी हैं, जिसमें कथित तौर पर एबीवीपी अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम महिला के घर के दरवाज़े पर पेशाब करते दिख रहे हैं.