उच्च न्यायालयों में महिला जजों की नियुक्ति संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि केवल हाईकोर्ट में ही क्यों, समय आ गया है जब भारत की प्रधान न्यायाधीश महिला होनी चाहिए. तीन जजों की पीठ ने यह भी कहा कि कॉलेजियम ने हर बैठक उच्च न्यायपालिका में महिलाओं की नियुक्ति पर विचार किया है.
सुप्रीम कोर्ट महिला वकील संघ ने वकील स्नेहा कलीता के ज़रिये दायर याचिका में न्यायपालिका में महिलाओं की उचित भागीदारी की मांग की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बीते 71 सालों के कामकाज में 247 जजों में से सिर्फ आठ महिलाएं थीं. मौजूदा समय में जस्टिस इंदिरा बनर्जी सुप्रीम कोर्ट की एकमात्र महिला जज हैं.
महिला वकील ने उन पर हिंदू धर्म का अपमान करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है. जब पुलिस पत्रकार गौरी लंकेश हत्या मामले की जांच कर रही थी, तब उसे उन लोगों की हिट लिस्ट मिली थी, जो दक्षिणपंथी हिंदू समूहों के निशाने पर थे, इसमें केएस भगवान का भी नाम शामिल था.