प्रज्ञा ठाकुर ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि राम मंदिर हम बनाएंगे और भव्य बनाएंगे, हम तोड़ने गये थे ढांचा, मैंने चढ़कर तोड़ा था ढांचा, इस पर मुझे भयंकर गर्व है. मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी, हमने देश का कलंक मिटाया है.
लोग कह रहे हैं कि इस चुनाव में भाजपा का भरोसा छूट रहा है, उसने साध्वी को लाकर ब्रह्मास्त्र चलाया है. यह परीक्षा वास्तव में भाजपा की नहीं है, यह हिंदुओं का इम्तिहान है. क्या वे धर्म के इस अर्थ को स्वीकार करने को तैयार हैं?