साल 2018 में उत्तर प्रदेश के देवरिया और बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित बाल गृहों में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद सरकार ने देश के सभी बाल गृहों की सामाजिक ऑडिट करने का आदेश दिया था. ऑडिट किए गए 7,163 बाल गृहों में से 1,504 में अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जबकि 434 के शौचालयों और स्नानगृह में निजता की व्यवस्था नहीं है.
जदयू ने मंजू वर्मा को बेगूसराय ज़िले से उम्मीदवार बनाया है. मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले में नाम आने के बाद मंजू वर्मा को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार और भाजपा महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें मंजू वर्मा की उम्मीदवारी तत्काल वापस लेनी चाहिए.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह से बचाई गई पीड़िता बेतिया शहर में अपने एक रिश्तेदार के यहां रह रही थी. पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी.
टीआईएसएस की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर बिहार में आश्रय गृहों पर मामले दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में इन आश्रय गृहों के कुप्रबंधन और वहां रहने वाली महिलाओं के उत्पीड़न की बात सामने आई थी.
सीबीआई ने 73 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें बताया गया है कि कैसे बालिका गृह के मालिक ब्रजेश ठाकुर ने लड़कियों को खुले कपड़े पहनने, भोजपुरी गानों पर नाचने, नशा करने और मेहमानों द्वारा बलात्कार करने के लिए मजबूर किया.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और भारत के प्रधान न्यायाधीश से फैसले की समीक्षा करने की अपील की.
उत्तर प्रदेश के देवरिया शहर में बीते पांच अगस्त को एक बालिका गृह में कथित तौर पर देह व्यापार होने का खुलासा हुआ था. मान्यता निरस्त होने के बाद भी बंद नहीं किया गया था. शिकायत करने वाली लड़की ने बताया कि एक दीदी को गाड़ी चार बजे ले जाती थी और वह सुबह वापस लौटती थीं.
मीडिया बोल की 60वीं कड़ी में उर्मिलेश बिहार में मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों से बलात्कार के मामले पर हुई मीडिया कवरेज पर पत्रकार अलका रंजन और सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शीतल प्रसाद सिंह से चर्चा कर रहे हैं.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शहर स्थित सरकारी बालिका गृह को सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से संचालित किया जाता था. सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथों में ली.
बिहार की नीतीश कुमार सरकार इस मामले में चुप रही. वहीं बिहार का मीडिया और मुज़फ़्फ़रपुर का नागरिक समाज भी 29 बच्चियों के साथ हुए बलात्कार के इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है.