300 साल पुराना जन्मस्थान मंदिर 1980 के दशक में शुरू हुए रामजन्मभूमि आंदोलन के पहले राम के जन्म से जुड़ा था और एक मुस्लिम ज़मींदार द्वारा दान दी गई ज़मीन पर बनाया गया था. यह राम की सह-अस्तित्व वाली उस अयोध्या का प्रतीक था, जिसका नामो-निशान अब नज़र नहीं आता.
अब्दुल बिस्मिल्लाह ने मुस्लिम समाज में मौजूद जातिवाद को कुठांव यानी मर्मस्थल की मानिंद माना है. उनके अनुसार यह एक ऐसा नाज़ुक विषय है अमूमन जिसका अस्तित्व ही अवास्तविक माना जाता है और जिसके बारे में बात करना पूरे मुस्लिम समाज के लिए एक पीड़ादायक विषय है.
वीडियो: समाचार चैनल सुदर्शन न्यूज़ ने गुरुवार को 28 अगस्त को प्रसारित होने वाले अपने एक शो का ट्रेलर जारी किया है. इसमें चैनल के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ‘नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र का बड़ा खुलासा’ करने का दावा कर रहे हैं. इस मुद्दे पर ‘सत्य हिंदी’ के संपादक आशुतोष और केरल के पूर्व डीजीपी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
दिल्ली पुलिस ने वीज़ा शर्तों के कथित उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों में क़रीब 955 विदेशियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की थी, जिनमें से 44 ने दिल्ली में केस लड़ा. साकेत अदालत ने इनमें से आठ को बरी किया और बाकी 36 पर से कई आरोप हटा दिए हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने तबलीग़ी जमात के 29 विदेशी सदस्यों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर रद्द करते हुए कहा कि दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में शामिल होने आए विदेशियों के ख़िलाफ़ मीडिया में दुष्प्रचार किया गया और ऐसी छवि बनाने की कोशिश की गई कि ये ही भारत में कोविड-19 फ़ैलाने के ज़िम्मेदार थे.
वीडियो: राममंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को हुए भूमिपूजन पर और इसके सामाजिक मायनों पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सऊदी अरब सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए और लोगों के स्वास्थ्य और सलामती को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि भारत से हज के लिए मुसलमानों को सऊदी अरब नहीं भेजा जाएगा.
अयोध्या में राम जन्मभूमि के अलावा अन्य विवादित धर्म स्थलों पर दावे के लिए वाद का रास्ता खोलने की एक हिंदू संगठन की याचिका का विरोध करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि ऐसा करने से राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचेगा.
पूर्वी चंपारण ज़िले के मेहसी थाना क्षेत्र के एक युवक मोहम्मद इजराइल का आरोप है कि दो जून को पड़ोस के एक गांव में अपने दोस्त से मिलने जाने के दौरान एक समूह ने उन्हें रोककर जय श्री राम का नारा लगाने को कहा. ऐसा न करने पर गाली-गलौज करते हुए बुरी तरह मारपीट की गई. उनका कहना है कि हमलावर बजरंग दल से संबद्ध हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि कई लोगों को अवैध तरीके से क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है. कहा गया है कि क्वारंटीन के नाम पर लगातार हिरासत में रखना न्यायोचित नहीं है, यह केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है.
डब्ल्यूएचओ कहता है कि नागरिकों का स्वास्थ्य सरकारों की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है. लेकिन भारत सरकार के यात्राओं पर प्रतिबंध, हवाई अड्डों पर सबकी स्क्रीनिंग के निर्णय में हुई देरी पर बात नहीं हुई, न ही कोविड जांच की बेहद कम दर की बात उठी. जमात ने ग़लती की है पर क्या सरकारों को कभी उनकी नाकामियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा?
बिहार में नालंदा ज़िले के बिहार शरीफ़ का मामला. पुलिस ने बताया कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए जाने के बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है.
कोरोना संकट के दौरान गहराती सांप्रदायिकता का नया उदाहरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा के बिहार शरीफ में देखने को मिला है, जहां मुस्लिम रहवासियों का आरोप है कि हिंदू दुकानदारों द्वारा उन्हें सामान नहीं दिया जा रहा और उनका सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है.
तक़रीबन 101 नौकरशाहों ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया है कि वो राज्य में किसी भी समुदाय के सामाजिक बहिष्कार को रोकने का निर्देश दें. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ज़रूरतमंदों को बराबर चिकित्सा और अस्पताल की सुविधाएं, राशन और वित्तीय सहायता मिले.
सब जानते हैं कि कोविड-19 एक घातक वायरस की वजह से फैला है, लेकिन भारत में इसे सांप्रदायिक जामा पहना दिया गया है. आने वाले समय में यह याद रखा जाएगा कि जब पूरे देश में लॉकडाउन हुआ था, तब भी मुसलमान सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हो रहे थे.