श्रीलंकाई सरकार 20वां संविधान संशोधन लाकर 19वें संविधान संशोधन द्वारा राष्ट्रपति की शक्तियों पर नियंत्रण लगाने वाले प्रावधानों को ख़त्म करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है. भारत की चिंता नया संशोधन नहीं बल्कि 1987 का द्विपक्षीय समझौता है, जो बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में ख़तरे में पड़ सकता है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में गोटबाया राजपक्षे ने सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार सजित प्रेमदास को हराया था. इसके बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के भाई और गृहयुद्ध के दौरान विवादित रक्षा सचिव रहे गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की. उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास को 13 लाख से अधिक मतों से पराजित किया.
बीते अप्रैल माह में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों का निशाना बनाते हुए किए गए धमाकों के 258 लोगों की मौत हो गई थी. इस सिलसिले में 10 महिलाओं सहित 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विवादास्पद क़दम उठाते हुए 26 अक्टूबर को विक्रमसिंघे को बर्ख़ास्त कर दिया था और उनके स्थान पर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था जिससे इस द्वीपीय देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया था.
26 अक्ट्रबर को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद से बर्खास्त करके पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सिरिसेना का फ़ैसला पलटते हुए कहा कि उनका संसद भंग करना असंवैधानिक था.
बुधवार को संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने बताया कि 225 सदस्यीय संसद में बहुमत ने राजपक्षे के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया. इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति सिरिसेना के संसद निलंबित करने के फैसले को पलटते हुए प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव को रोकने का आदेश दिया था.
रानिल विक्रमसिंघे ने महिंदा के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने को पूरी तरह से असंवैधानिक क़रार देते हुए कहा है कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर अपना काम करते रहेंगे.