अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज जोशी, पूर्व भारतीय राजदूत मीरा शंकर और हिंदुस्तान टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.
चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई. भारत ने कहा कि सुरक्षा परिषद बैठक समाप्त होने के बाद हमने पहली बार देखा कि दोनों देश (चीन और पाकिस्तान) अपने देश की राय को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय बताने की कोशिश कर रहे थे.
संयुक्त राष्ट्र राजनयिक ने बताया कि चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल ‘भारत-पाकिस्तान सवाल' पर चर्चा की मांग की है. यह मांग पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र के संदर्भ में की गई है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते का जिक्र किया, जिसमें कश्मीर में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया गया है.
म्यांमार के रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्याव सोए ओ को सरकारी गोपनीयता क़ानून तोड़ने के लिए पिछले साल सितंबर में सात-सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इन पत्रकारों को पिछले साल 12 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था. उस समय वे म्यांमार के रखाइन प्रांत के एक गांव में रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या और सेना व पुलिस द्वारा किए गए अपराधों की जांच कर रहे थे.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार देश में दलित महिलाओं के लिए मृत्यु का जोखिम उचित साफ-सफाई, पानी की कमी और समुचित स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बढ़ जाता है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान हैं.