वीडियो: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी को ज़मानत मिल गई है. दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा को रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया है. इन मुद्दों पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोहत्या के संदेह में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी. आरोप-पत्र के अनुसार, योगेश राज ने ही भीड़ इकट्ठा कर लोगों को हिंसा के लिए उकसाया था.
पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर के महाव गांव के पास गोवंशीय पशुओं के कंकाल बरामद होने पर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी. मामले के सात आरोपियों को ज़मानत मिलने के बाद उनका कथित तौर पर फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. इससे मृतक पुलिस अधिकारी के परिजन नाराज़ हैं.
पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोहत्या के संदेह में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस साल मार्च में कुल 38 लोगों के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाख़िल किया गया था.
एसआईटी द्वारा दायर चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा के मुख्य आरोपी सचिन ने तीन दिसंबर की सुबह बजरंग दल के संयोजक योगेश को महाव में हुई कथित गोहत्या की जानकारी दी, जिसके बाद योगेश ने उसे गो अवशेष और अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर एकत्र होने को कहा.
बुलंदशहर के एसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि स्याना के एसएचओ सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोप में पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. अन्य 33 लोगों पर दंगा, आगज़नी और इसी तरह के अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है.
बुलंदशहर में हुई हिंसा में मौके पर तैनात पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नाम के एक युवक की हत्या कर दी गई थी.
पुलिस ने गिरफ़्तार आरोपी के क़ब्ज़े से हमले में इस्तेमाल कुल्हाड़ी बरामद की. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.
पुलिस का कहना है कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान प्रशांत नट नाम के व्यक्ति ने इंस्पेक्टर सुबोध पर गोली चलाई थी. गिरफ़्तारी के बाद पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार किया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये नया फैसला ऐसे समय पर आया है जब विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इंसानों की तुलना में गायों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है.
अजमेर साहित्य महोत्सव के संयोजक ने बताया कि नसीरुद्दीन शाह को कार्यक्रम का उद्घाटन करना था लेकिन उनके बयान के बाद कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के चलते वह नहीं आए.
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मौजूदा हालात में मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित हूं क्योंकि कल को अगर भीड़ उन्हें घेरकर पूछती है, ‘तुम हिंदू हो या मुसलमान?' तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होगा.
उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शांति व्यवस्था किसी भी कीमत पर बनाए रखी जाएगी.
83 नौकरशाहों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में शासन प्रणाली के मौलिक सिद्धांतों, संवैधानिक नीति और मानवीय सामाजिक व्यवहार तहस-नहस हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक पुजारी की तरह धर्मांधता और बहुसंख्यकों के प्रभुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बीते मंगलवार को गोहत्या के आरोप में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने इन चार लोगों को निर्दोष करार देने का फैसला लिया.