यूपी: गोरखपुर में भाजपा के सांसद और विधायकों के बीच घमासान क्यों मचा हुआ है

बीते दिनों गोरखपुर के एक सहायक अभियंता के तबादले को लेकर गोरखपुर नगर के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल और सांसद रवि किशन के बीच खींचतान शुरू हुई थी, जिसमें क्षेत्र के कुछ और विधायक भी शामिल हो गए. लेकिन क्या इस ज़बानी जंग की वजह केवल यह तबादला है?

भोजपुरी सिनेमा की दुनिया और सितारों की राजनीति

गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी और भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन ने कहा है कि वह गोरखपुर में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री बनाएंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि भोजपुरी फिल्में ठहराव के दौर से गुज़र रही हैं. भोजपुरी फिल्म उद्योग लगातार मंदा पड़ता जा रहा है और उसके अच्छे दिन चले गए हैं.

द वायर बुलेटिन: जस्टिस एके पटनायक करेंगे सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की कथित साज़िश की जांच

कांग्रेस द्वारा बनारस से नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ अजय राय को टिकट देने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद भाजपा ने गोरखपुर से रवि किशन को टिकट क्यों दिया?

विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर में भाजपा आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है. प्रत्याशी चयन में एक महीना लगना और इस दौरान दर्जन भर नेताओं का नाम आना व ख़ारिज होना इसका उदाहरण है. आखिर में ऐसे प्रत्याशी को ‘आयात’ करना पड़ा, जिसे लेकर पार्टी और समर्थकों में उत्साह नहीं दिख रहा है.

कुछ लोग ख़बरों में बने रहने के लिए राष्ट्रवाद का बिल्ला दिखाते फिरते हैं: अनुराग कश्यप

फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा कि आज के समय में राष्ट्रवाद के बिना खेल आधारित बायोपिक फिल्में बनाना असंभव है.

भोजपुरी फिल्म फेस्टिवल : अपने ही जाल में उलझा भोजपुरी सिनेमा

बदलते दौर के भौतिक चमक-दमक को तो भोजपुरी सिनेमा खूब दिखाता है, पर सामाजिक -सांस्कृतिक मूल्यों की जड़ता से नहीं भिड़ता. वह एक बड़े विभ्रम का शिकार है.