उत्तराखंड की भाजपा सरकार को जनता की नहीं, माफियाओं की फ़िक्र है

बेबस व लाचार लोग बिना इलाज के दम तोड़ रहे हैं. ऐसे में अगर मेडिकल की पढ़ाई का रेट एक करोड़ कर देंगे तो जिस धन पशु के पास दौलत होगी, वही पैसा देकर अपनी संतान को डॉक्टर बनाएगा. जब पर्वतीय बच्चे डॉक्टर बनने के अधिकार से वंचित कर दिए जाएंगे तो दुर्गम क्षेत्रों में बिना डॉक्टरों के जिन अस्पतालों में ताले पड़े हैं, उनमें कौन झांकने जाएगा.

उत्तराखंड: गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को सरकारों ने क्यों अनसुना किया?

‘पहाड़ की राजधानी पहाड़ में’ के नारे के साथ गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने का आंदोलन एक बाद फिर तूल पकड़ता नज़र आ रहा है.