बरसात, आन, दाग, अमर, उड़न खटोला, बसंत बहार, मेरे महबूब आदि निम्मी की यादगार फिल्मों में से एक हैं. निम्मी को हीरोइन के बाद दूसरा सबसे प्रमुख किरदार निभाने के लिए जाना जाता था.
संस्मरण: प्रख्यात गीतकार और कवि गोपालदास नीरज ख़ुद को जनता का कवि कहते थे. उनका मानना था कि जीवन को जीने के लिए मार्क्स को भी मानना होगा और कबीर को भी.
पिछले कई महीनों से लगातार बीमार थे. मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
हृषिकेश सिनेमा के रास्ते पर आम परिवारों की कहानी की उंगली थामे निकले थे. ये समझाने कि हंसी या आंसुओं को अमीर-गरीब के खांचे में नहीं बांटा जा सकता.