वीडियो: सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ है. इसमें वो एक समाचार चैनल पर कोरोना मरीज़ों का मज़ाक उड़ाते नज़र आ रहे हैं. रामदेव ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे लोगों को योग करने की सलाह दे रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि इससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाएगा.
उत्तराखंड में तेज़ी से बढ़ रहे संक्रमण के मामलों के बीच हरिद्वार में पतंजलि योग ग्राम में 20, पतंजलि योगपीठ में 10 और आचार्यकुलम में नौ लोगों की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है. इससे पहले पिछले सप्ताह योगपीठ में पांच लोग कोरोना संक्रमित मिले थे.
कोरोना वायरस के उपचार के दावे के साथ लॉन्च हुई पतंजलि की 'कोरोनिल' को आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाण पत्र मिलने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हैरानी जताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन से सवाल किया है कि पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है.
कोरोना के इलाज के दावे के साथ लॉन्च हुई पतंजलि की 'कोरोनिल' को आयुष मंत्रालय से मिले प्रमाणपत्र को डब्लूएचओ की मंज़ूरी और रामदेव द्वारा कोरोनिल को 150 से अधिक देशों में बेचने की अनुमति मिलने का दावा संदेह के घेरे में है. साथ ही इसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी सवाल उठाए हैं.
चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दाख़िल कर कहा गया है कि ‘कोरोनिल’ साल 1993 से उसका ट्रेडमार्क है. यह कंपनी भारी मशीनों और कंटेनमेंट इकाइयों को साफ़ करने के लिए रसायन एवं सैनेटाइज़र बनाती है.
बाबा रामदेव ने बीते 23 जून को ‘कोरोनिल’ नाम की दवा लॉन्च करते हुए इसके कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा किया था. इसके बाद आयुष मंत्रालय ने दवा के विज्ञापन पर रोक लगाते हुए कंपनी से इसके क्लीनिकल ट्रायल और रिसर्च आदि का ब्योरा देने को कहा था.
पतंजलि आयुर्वेद की कोरोना किट को लेकर चंडीगढ़ की एक अदालत में मिलावटी दावा बेचने और धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करवाया गया है. वहीं राजस्थान सरकार ने इस दवा के 'क्लीनिकल ट्रायल' को लेकर निम्स अस्पताल से स्पष्टीकरण मांगा है.
वीडियो: बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत- प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए दवा लॉन्च की है. हालांकि आयुष मंत्रालय ने उनके दावों की जांच-पड़ताल होने तक इस दवा का प्रचार बंद करने और बेचने से रोकने का आदेश दिया है.
पतंजलि आयुर्वेद की कोरोना दवाई किट की प्रमाणिकता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. कंपनी ने कोरोना के शत-प्रतिशत उपचार का दावा करने वाली इस दवा संबंधी कुछ दस्तावेज़ आयुष मंत्रालय को सौंपे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये साबित नहीं होता है कि इससे कोविड-19 ठीक हो जाएगा.
योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को 'कोरोनिल' नाम की दवाई लॉन्च करते हुए इसके कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा किया था. इसके बाद आयुष मंत्रालय ने इसके विज्ञापन पर रोक लगाते हुए कंपनी से इसके क्लीनिकल ट्रायल और रिसर्च आदि का ब्योरा देने को कहा है.
पतंजलि योगपीठ के चयन के साथ ही भारतीय शिक्षा बोर्ड देश का पहला ऐसा निजी स्कूल बोर्ड बन गया जो कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होगा.
तीन साल पहले तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने वैदिक शिक्षा बोर्ड गठित करने के रामदेव के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उन्होंने एक निजी स्कूल बोर्ड स्थापित करने पर सरकार की आपत्ति दर्ज कराई थी. हालांकि, सरकार ने हाल ही में अपना फैसला पलट दिया.
रामदेव ने भारत रत्न सम्मान में किसी भी हिंदू संत को शामिल नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक भगवाधारी सन्यासी को भी शीर्ष सम्मान से नवाज़ा जाना चाहिए.
भाजपा के लिए प्रचार करने के सवाल पर योगगुरु रामदेव ने कहा, ‘मैं क्यों करूंगा, मैं उनके लिए प्रचार नहीं करूंगा.’
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 20 जुलाई को प्रोजेक्ट से जुड़ी ज़मीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण करने पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन पतंजलि ट्रस्ट की ओर से चारदीवारी और दरवाज़ा बनाने का काम तेज़ गति से चल रहा है.