द वायर हिंदी के वरिष्ठ संवाददाता रहे अमित सिंह को यह पुरस्कार ‘सर्वश्रेष्ठ हिंदी पत्रकारिता- प्रिंट’ श्रेणी में जम्मू कश्मीर पुलिस पर की गई उनकी ग्राउंड रिपोर्ट के लिए दिया गया है. वहीं पत्रकार संध्या रविशंकर को द वायर पर प्रकाशित रेत खनन पर उनकी रिपोर्ट के लिए एनवायरमेंटल रिपोर्टिंग- प्रिंट श्रेणी में अवॉर्ड मिला है.
भारत के ज़्यादातर पत्रकार आज़ाद नहीं हैं बल्कि मालिक के अंगूठे के नीचे दबे हैं. वह मालिक, जो राजनेताओं के सामने दंडवत रहता है.