300 साल पुराना जन्मस्थान मंदिर 1980 के दशक में शुरू हुए रामजन्मभूमि आंदोलन के पहले राम के जन्म से जुड़ा था और एक मुस्लिम ज़मींदार द्वारा दान दी गई ज़मीन पर बनाया गया था. यह राम की सह-अस्तित्व वाली उस अयोध्या का प्रतीक था, जिसका नामो-निशान अब नज़र नहीं आता.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमित पाए गए राम जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास के स्वास्थ्य की जानकारी ली और मेदांता अस्पताल से तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
वह देश और उसकी जनता कितने दुर्भाग्यशाली होते होंगे, जिनकी चुनी हुई सरकार ही उनसे सच छिपाती फिरे. जहां राम नाम सत्य है कहा जाता होगा, पर उसका अर्थ गहरा और पवित्र नहीं होता होगा.
जिस जगह पर 500 से अधिक सालों तक एक मस्जिद थी, वहां भव्य मंदिर बनेगा. इस मंदिर की आलीशान इमारत की परछाई में मुझे वो भारत डूबता दिख रहा है, जहां मैं पला-बढ़ा. फिर भी मेरा विश्वास है कि यह देश अपने मौजूदा शासकों के नफ़रत से कहीं अधिक बड़ा है.
रोहित चंदा नामक व्यक्ति ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सिलचर स्थित असम विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अनिंद्य सेन के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. चंदा के फेसबुक पेज के अनुसार, वे एबीवीपी कार्यकर्ता हैं.
बीते पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन समारोह और शहर के विकास के दावों के बीच अयोध्यावासी सिर्फ वैसा नहीं सोच रहे हैं, जैसा अधिकतर मीडिया माध्यमों द्वारा बताया जा रहा है.
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई.
राम मंदिर के प्रस्तावित भूमि पूजन से पहले रामलला मंदिर के एक पुजारी व जन्मभूमि स्थल पर तैनात चार पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास का कहना है क्योंकि बाकी लोगों का टेस्ट नेगेटिव आया है, इसलिए इससे कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.