पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जदयू में विलय से पहले ही बीते शुक्रवार को दल में फूट पड़ गई थी और 30 से अधिक राज्य और ज़िला स्तर के पदाधिकारी राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए थे.
विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी महागठबंधन से नाराज़ रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बसपा और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के साथ नया मोर्चा बनाया है. उनके अनुसार जनता नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति चाहती है, वहीं राजद नीत गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद का मज़बूत चेहरा नहीं है.
संघ का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाकर बीते दिनों केंद्र और बिहार में सत्तारूढ़ राजग सरकार से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अलग हो गए थे.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि मोदी सरकार ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है और देश के शिक्षण संस्थानों में संघ के लोगों की भर्ती की जा रही है. कुशवाहा लंबे समय से सीट बंटवारे को लेकर नाराज़ चल रहे थे.
केंद्रीय मंत्री और राजग के सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव से की मुलाकात. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा भी हमारे साथी हैं और सभी एक साथ हैं. सीट बंटवारे पर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता इन्हें सबक सिखाएगी.
बिहार में यादव समुदाय की आबादी करीब 15 प्रतिशत और कुशवाहा समुदाय की करीब 8 फीसदी है. ऐसे में अगर उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए छोड़ कर राजद के साथ जाते हैं, तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है.