अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रुपया तेजी से कमज़ोर हो रहा है. इसके तमाम बाह्य कारण भी हैं लेकिन पिछले चार सालों के दौरान बेहतर परिस्थितियों का फ़ायदा न उठा पाने और हर बात के लिए पिछली सरकार के करे-धरे को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृति के चलते अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है.
वीडियो: डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट और नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों के पैसे में 50 प्रतिशत के इज़ाफ़े पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.
जन गण मन की बात की 267वीं कड़ी में विनोद दुआ स्विस बैंक में भारतीयों के बढ़ते धन, निकी हेली की भारत यात्रा और मगहर में मोदी के भाषण पर चर्चा कर रहे हैं.
अब तक भारतीय रुपये का रिकॉर्ड 28 अगस्त 2013 का बताया जाता है जब एक डॉलर की कीमत 68 रुपये 83 पैसे हो गई थी. बुधवार को यह 68 रुपये 63 पैसे हो गई. आज 69 रुपया हो गया है.
इस साल विश्व की तमाम उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं में रुपये का प्रदर्शन सबसे कमज़ोर रहा है.
डॉलर की भारी मांग के चलते रुपये को झटका, 14 मार्च के बाद रुपये में सबसे बड़ी गिरावट.