जसदेव सिंह को हमने जाना एक स्वर के रूप में जिसने लगभग आधी सदी तक आज़ादी और गणतंत्र दिवस का आंखों देखा हाल सुनाया, कभी लाल किले तो कभी इंडिया गेट के नज़ारे दिखाए. हमने उस आवाज़ के साथ क्रिकेट बाॅल के पीछे दौड़ लगाई, लपक लिया, पिच के उछाल को महसूस किया, ओलंपिक की मशाल की लौ की आंच से गर्मा गए.
विभिन्न खेलों और गणतंत्र दिवस समारोह का आंखों-देखा हाल रेडियो के ज़रिये आम जनता तक पहुंचाने वाले जसदेव सिंह लंबे समय से अल्ज़ाइमर बीमारी से पीड़ित थे.
जिस आकाशवाणी को प्रधानमंत्री अपने मन की बात देशवासियों तक पहुंचाने का सबसे उपयुक्त माध्यम मानते हैं उसमें काम करने वाले अपने ख़राब हाल के चलते लंबे समय से आंदोलित हैं.
वीडियो: नियमितीकरण की मांग को लेकर ऑल इंडिया रेडियो कैज़ुअल एनाउंसर्स एंड कंपेयर यूनियन के तत्वाधान में देश भर के कैज़ुअल उद्घोषकों और प्रस्तोताओं का दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन.
सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रसार के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया कोई ख़तरा नहीं है. अगर वहां कोई ग़लत कंटेंट है, तो लोगों के पास उसे सही करने की ताक़त है.
तीन अक्टूबर को विविध भारती की स्थापना के 61 बरस पूरे हो गए. इतने बरस की विविध भारती की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने हमारी ज़िंदगी को सुरीला बनाया है.