किसान आंदोलन के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के लिए दबाव बनाने को लेकर गुरुवार को चार घंटे के रेल रोको प्रदर्शन का आह्वान किया था. इस दौरान विभिन्न राज्यों में रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शन करते हुए पटरियों को अवरुद्ध कर दिया गया और नारेबाज़ी हुई.
नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब में किसान संगठन सितंबर महीने से रेलवे स्टेशनों और पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके चलते ट्रेन सेवाएं स्थगित थीं. संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनके मुद्दों का हल नहीं निकाला गया तो वो दोबारा ट्रैक पर लौट आएंगे.
पंजाब में किसानों ने नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते एक अक्टूबर से अनिश्चितकालीन ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू किया था. रेलवे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के कारण 3,850 मालगाड़ियों का संचालन प्रभावित हुआ है. अब तक 2,352 यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया या उनके मार्ग में परिवर्तन किया गया है.
विवादित कृषि विधेयकों को वापस लेने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लक्ष्य से 31 किसान संघों ने पंजाब में कई जगहों पर बीते एक अक्टूबर से ट्रेन की पटरियों को अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध कर दिया है. किसान कई भाजपा नेताओं के घर के बाहर भी धरना दे रहे हैं.
गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों का कहना है कि सरकार पीड़ितों को लेकर गंभीर नहीं है.