सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार मामले के जांच अधिकारी सतीश डागर ने ऐसे समय में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की है, जब बीते 31 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच चार महीने में पूरी करने का आदेश दिया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा एनएसए अजीत डोभाल के फोन को अवैध रूप से टैप करने की जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की गई थी. एजेंसी ने अदालत के समक्ष हलफनामा दायर कर जवाब दिया.
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के इतिहास में पहला ऐसा मौका है जब उसके दो वरिष्ठतम अधिकारी एक दूसरे पर बेहद संगीन आरोप लगा रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर तक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर रोक लगा दी. मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले में जांच अधिकारी रहे डीएसपी देवेंद्र कुमार को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ़्तार किया था. डीएसपी ने अपनी गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
सीबीआई बनाम सीबीआई: राकेश अस्थाना रिश्वत मामले में सीबीआई ने अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ़्तार किया है.
सीबीआई के दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना पर मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले में रिश्वत लेने का आरोप है. रॉ के विशेष निदेशक सामंत कुमार गोयल भी जांच के घेरे में हैं.