मोदी सरकार के पास रोज़गार वृद्धि का नहीं है कोई आंकड़ा, संसदीय समिति करेगी खुलासा

भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के सामने मोदी सरकार नौकरियों के संंबंध में कोई वास्तविक और विश्वसनीय आंकड़ा नहीं पेश कर पाई है. ये रिपोर्ट 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सदन में पेश की जाएगी.

शिवसेना का मोदी सरकार से सवाल, आरक्षण तो दे दिया, नौकरियां कहां हैं?

केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग रोज़गार और ग़रीबी दोनों मोर्चो पर विफल होते हैं तब वे आरक्षण का कार्ड खेलते हैं.

प्रधानमंत्री जी! मोबाइल कंपनियां 120 हो गई हैं तो रोज़गार कितनों को मिला?

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है कि 2014 के पहले देश में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं, आज मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की संख्या 120 हो गई है. सवाल है कि कंपनियों की संख्या 2 से 120 हो जाने पर कितने लोगों को रोज़गार मिला?

लोगों के पास बचे 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट नहीं लिए जाएंगे: केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में यह भी स्पष्ट किया है कि देश भर में सार्वजनिक बैंकों के 50 फीसदी एटीएम बंद करने की कोई योजना नहीं है. साथ ही नोटबंदी के बाद छापे गए 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोटों की ख़राब गुणवत्ता को सरकार ने ख़ारिज किया.

मोदी सरकार ने माना, नोटबंदी के दौरान चार लोगों की हुई थी मौत

नोटबंदी के दौरान नोट बदलने के लिए बैंकों की लाइन में लगे लोगों की मौत का ब्योरा सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक ने दिया है. बैंक ने बताया है कि इस दौरान एक ग्राहक और बैंक के तीन कर्मचारियों की मौत हुई थी.

अगर 35 लाख लोगों की नौकरी गई है तो मोदी-शाह किन्हें रोज़गार देने की बात कर रहे हैं

उन 35 लाख लोगों को प्रधानमंत्री सपने में आते होंगे, जिनके एक सनक भरे फैसले के कारण नौकरियां चली गईं. नोटबंदी से दर-ब-दर हुए इन लोगों तक सपनों की सप्लाई कम न हो इसलिए विज्ञापनों में हज़ारों करोड़ फूंके जा रहे हैं. मोदी सरकार ने साढ़े चार साल में करीब 5000 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट के विज्ञापनों पर ख़र्च किए हैं.

आरएसएस नेता ने सुप्रीम कोर्ट के जजों पर साधा निशाना, कहा- केंद्र मंदिर पर क़ानून लाने को तैयार

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि अयोध्या मामला टालने की वजह से सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है.

पत्रकार रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए भाषण लिखा है, क्या वे इसे पढ़ सकते हैं?

भाजपा की सरकार ने उच्च शिक्षा पर उच्चतम पैसे बचाए हैं. हमारा युवा ख़ुद ही प्रोफेसर है. वो तो बड़े-बड़े को पढ़ा देता है जी, उसे कौन पढ़ाएगा. मध्य प्रदेश का पौने छह लाख युवा कॉलेजों में बिना प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के ही पढ़ रहा है. हमारा युवा देश मांगता है, कॉलेज और कॉलेज में टीचर नहीं मांगता है.

रुपया 73 पर, बेरोज़गारी आसमान पर और प्रधानमंत्री इवेंट पर

अनिल अंबानी समूह पर 45,000 करोड़ रुपये का कर्जा है. अगर आप किसान होते और पांच लाख का कर्जा होता तो सिस्टम आपको फांसी का फंदा पकड़ा देता. अनिल अंबानी राष्ट्रीय धरोहर हैं. ये लोग हमारी जीडीपी के ध्वजवाहक हैं. भारत की उद्यमिता की प्राणवायु हैं.

नोटबंदी: न ख़ुदा ही मिला न विसाल ए सनम

सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.

गोदी मीडिया को देखकर लगता है कि इस दौर में मुसलमानों से नफ़रत करना ही रोज़गार है

इस दौर की ख़ूबसूरत सच्चाई यह है कि बेरोज़गार रोज़गार नहीं मांग रहा है. वो इतिहास का हिसाब कर रहा है. उसे नौकरी नहीं, झूठा इतिहास चाहिए!

मोदी सरकार में एस. गुरुमूर्ति होने के मायने

हाल ही में रिज़र्व बैंक के बोर्ड में शामिल हुए स्वामीनाथन गुरुमूर्ति की नरेंद्र मोदी के नोटबंदी जैसे आर्थिक नीति संबंधी फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

युवाओं को पता है कि रोज़गार को लेकर उनके प्रधानमंत्री का नज़रिया क्या है?

भारतीय युवा परमानेंट रोज़गार की तैयारी में जवानी के पांच-पांच साल हवन कर रहे हैं. उनसे यह बात क्यों नहीं कही जा रही है कि रोज़गार का चेहरा बदल गया है. अब अस्थायी काम ही रोज़गार का नया चेहरा होगा.

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