लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई करने वाली और उन्हें मौत की सज़ा सुनाने वाली विशेष अदालत के गठन को सोमवार को ‘असंवैधानिक’ करार दिया. इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय मुशर्रफ को मौत की सज़ा सुनायी थी.
शादमान चौक पर 23 मार्च 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ाया था. उस दौरान यह चौक एक जेल का हिस्सा था.
पाकिस्तान सरकार से लाहौर के शादमान चौक पर भगत सिंह की प्रतिमा लगाने की भी मांग की गई है.