साल 2018 में गिरफ़्तार किए गए एक कथित बांग्लादेशी नागरिक और उनकी बेटी को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि ऐसे नागरिकों के बरी या रिहा होने के बाद भी प्रशासन द्वारा उचित ट्रिब्यूनल के सामने ऐसे लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
मंगलदोई ज़िले के 74 वर्षीय अध्यापक निरोद कुमार दास ने सुसाइड नोट में लिखा कि विदेशी के तौर पहचाने जाने के अपमान से बचने के लिए वे जान दे रहे हैं. 30 जुलाई को एनआरसी मसौदे के प्रकाशन के बाद राज्य में आत्महत्या की यह तीसरी घटना है.