अमेरिका के साथ हुए महत्वपूर्ण रक्षा समझौते, पोम्पिओ ने कहा- भारत के साथ खड़ा है अमेरिका

चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच भारत और अमेरिका ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता के तीसरे चरण के दौरान ‘बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी.

विदेश मंत्री ने गौतम बुद्ध को भारतीय बताया, नेपाल ने जताई आपत्ति

बीते शनिवार को एक वेबिनार के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी दो महान भारतीय थे. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह स्थापित और ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर साबित अकाट्य तथ्य है कि बुद्ध का जन्म लुम्बिनी, नेपाल में हुआ था.

प्रधानमंत्री के बयान के बाद पीएमओ की सफाई, कहा- एलएसी पर बड़ी संख्या में आए चीनी सैनिक

भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा है, न किसी पोस्ट को क़ब्ज़े में लिया गया है. इस पर सवाल उठने के बाद पीएमओ ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की 'शरारतपूर्ण व्याख्या' की कोशिश की जा रही है.

‘अगर चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की है, तो उससे बात किस बारे में हो रही है’

भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा था न किसी पोस्ट को कब्ज़े में लिया गया था. उनके बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.

गलवान घाटी झड़प के बाद चीन ने हिरासत में लिए गए 10 भारतीय सैनिकों को छोड़ा: रिपोर्ट

लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद चीन द्वारा कुछ भारतीय सैनिकों को बंधक बनाने की बात सामने आई थी, लेकिन सेना ने किसी भी सैनिक के लापता होने से इनकार किया था. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने गुरुवार शाम को एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर समेत 10 सैन्यकर्मियों को रिहा किया है.

मोदी सरकार ने अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग को वीज़ा देने से इनकार किया

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के जवाब में कहा कि धार्मिक आज़ादी से जुड़े मुद्दों के सिलसिले में अमेरिकी आयोग का दल भारत आना चाहता था, लेकिन उन्हें वीज़ा देने से भी मना किया गया क्योंकि उन जैसी विदेशी संस्था का भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई अधिकार-क्षेत्र हमें नज़र नहीं आता.

नागरिकता कानून और कश्मीर जैसे कदमों से भारत ने खुद को ‘अलग-थलग’ कर लिया: पूर्व विदेश सचिव

पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने कहा कि हाल के दिनों में हमने जो हासिल किया वह हमारी (भारत की) मौलिक छवि को पाकिस्तान से जोड़ता है, जो एक असहिष्णु देश है. हमने विरोधियों को एक मंच दिया है, जिस पर हम पर हमला किया जा सकता है.

कश्मीर पर प्रस्ताव लाने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद से नहीं मिले विदेश मंत्री

भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने इस महीने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया था. इसमें उन्होंने भारत से जम्मू कश्मीर में संचार पर लगी सभी पाबंदियां जल्द से जल्द हटाने और सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का अनुरोध किया है.

केंद्र सरकार ने अरविंद केजरीवाल को डेनमार्क जलवायु सम्मेलन में शामिल होने की नहीं दी अनुमति

इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि करीब डेढ़ महीने पहले आवेदन के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को डेनमार्क में होने वाले सी-40 जलवायु सम्मेलन में शामिल होने की मंज़ूरी नहीं मिली, जबकि इसी कार्यक्रम के लिए पश्चिम बंगाल के मंत्री को अनुमति मिल गई है.

राहुल गांधी ने विदेश मंत्री से कहा- प्रधानमंत्री मोदी को थोड़ी कूटनीति सिखाएं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह टिप्पणी अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान पर की जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ह्यूस्टन रैली में ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का जो नारा दिया था, वह किसी अन्य संदर्भ में था और उसका गलत मतलब न निकालें.

मोदी के ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ नारे पर विदेश मंत्री ने दी सफाई, कहा- गलत मतलब न निकालें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन में 22 सितंबर को भारतीय अमेरिकियों के जनसमूह को संबोधित करते हुए ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार’ का नारा दिया था. तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस पर सफाई दी.

एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल न होने वाले लोग ‘राष्ट्र विहीन’ नहीं: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची क़ानूनी रूप से किसी व्यक्ति को विदेशी नहीं बनाती. क़ानून के तहत उपलब्ध सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेने तक उन्हें पहले की तरह ही सभी अधिकार मिलते रहेंगे.