आरबीआई द्वारा गठित एक आंतरिक कार्य समूह ने पिछले सप्ताह सिफ़ारिश की थी कि कॉरपोरेट घरानों को बैंक शुरू करने का लाइसेंस दिया जा सकता है. रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने कहा है कि भारत में बड़ी कंपनियों के पिछले कुछ साल में क़र्ज़ लौटाने को लेकर चूक देखते हुए हमें बैंकों में कॉरपोरेट क्षेत्र को स्वामित्व देने की अनुमति को लेकर संदेह है.
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन से पहले गवर्नर उर्जित पटेल और डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था.
भारतीय रिजर्व बैंक के नए डिप्टी गवर्नर के रूप में माइकल देवव्रत पात्रा की नियुक्ति पिछले साल जुलाई में इस्तीफा देने वाले पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के जगह हुई है.
रिज़र्व बैंक कर्मचारी यूनियन की ओर से कहा गया है कि इस तरह के संवेदनशील और महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति का फैसला मंत्रालय के कुछ अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए. न ही वित्त मंत्री को यह काम करना चाहिए.
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के साथ मतभेदों के कारण कार्यकाल पूरा होने से नौ महीने पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था.
सूचना के अधिकार के तहत रिज़र्व बैंक से डिफाल्टरों के नाम की जानकारी मांगी गई थी.
एनडीटीवी की वेबसाइट पर मिहिर शर्मा ने लिखा है कि रिजर्व बैंक अपने मुनाफे से हर साल सरकार को 50 से 60 हज़ार करोड़ रुपये देती है. उसके पास साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिज़र्व है. सरकार चाहती है कि इस रिज़र्व से पैसा दे ताकि वह चुनावों में जनता के बीच गुलछर्रे उड़ा सके.
बेस्ट ऑफ 2018: आरबीआई अधिनियम की धारा 7 का इस्तेमाल जनहित में नहीं है- यह मौके की फ़िराक़ में बैठे कॉरपोरेट्स को आरबीआई द्वारा पैसा देने के लिए मजबूर करने के इरादे से उठाया गया एक बेशर्मी भरा कदम है.