रेलवे सुरक्षा बल के आंकड़ों के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में करीब 80 लोगों की मौत 9 मई से 27 मई के बीच हुई है. इनमें चार वर्ष से लेकर 85 वर्ष तक के यात्री शामिल थे.
पटना हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन पर दिख रही मृत महिला के बारे में सरकार से जवाब मांगा है. इस बीच खगड़िया ज़िले में गुजरात से कटिहार आ रही ट्रेन में सवार एक महिला और हरियाणा के रेवाड़ी से आ रही एक ट्रेन में एक पुरुष की मौत हो गई है.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर महिला का शव पड़ा दिखता है. अहमदाबाद से बिहार आ रही श्रमिक ट्रेन में सवार इस महिला के परिजनों का कहना है कि खाने-पीने को न मिलने के चलते महिला की तबियत ख़राब हुई और ट्रेन में ही मौत हो गई.
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मज़दूरों को न सिर्फ़ खाने-पीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, बल्कि रेलवे द्वारा रूट बदलने के कारण कई दिनों की देरी से वे अपने गंतव्य तक पहुंच पा रहे हैं. इस दौरान भूख-प्यास और भीषण गर्मी के कारण मासूम बच्चों समेत कई लोग दम तोड़ चुके हैं.
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के किराये को लेकर सरकार के विभिन्न दावों के बीच गुजरात से बिहार लौटे कामगारों का कहना है कि उन्होंने टिकट ख़ुद खरीदा था. उन्होंने यह भी बताया कि डेढ़ हज़ार किलोमीटर और 31 घंटे से ज़्यादा के इस सफ़र में उन्हें चौबीस घंटों के बाद खाना दिया गया.
केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को दावा किया कि ट्रेन से आवागमन का 85 फीसदी खर्च वह उठा रही है और 15 फीसदी खर्च राज्य सरकारों को वहन करना होगा. हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है अगर आप विदेश में फंसे हैं तो सरकार आपको विमान से नि:शुल्क लाएगी, लेकिन यदि आप एक प्रवासी श्रमिक हैं तो किराया चुकाने के लिए तैयार रहें. माकपा नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा नेता अखिलेश यादव आदि ने भी आलोचना की है.
रेलवे ने प्रवासी मजदूरों की आवाजाही के लिए देशभर में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. केंद्र सरकार ने इनमें यात्रा करने वालों से किराया लेने के दिशानिर्देश जारी किए हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी शुरुआती 50 ट्रेनों का किराया देने की बात कही है.