विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत को कोविड-19 संकट के बीच खर्च को सावधानीपूर्वक समायोजित करने और औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने की आवश्यकता है.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एयर इंडिया के पास काफी अच्छे विमान हैं, इस लिहाज से यह किसी सोने की खान से कम नहीं है.
ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट 'टाइम टू केयर' में कहा कि विश्व के 2153 अरबपतियों के पास विश्व की 60 फीसदी जनसंख्या के मुकाबले ज्यादा संपत्ति है. इसमें कहा गया है कि एक घरेलू कामकाजी महिला को किसी तकनीकी कंपनी के सीईओ के बराबर कमाने में 22 हजार 277 साल लग जाएंगे.
विश्व आर्थिक मंच की स्त्री-पुरुष असमानता रिपोर्ट में भारत का स्थान चीन, श्रीलंका, नेपाल, ब्राजील, इंडोनेशिया और बांग्लादेश से भी नीचे है. स्वास्थ्य और आर्थिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत सबसे नीचे स्थान पाने वाले पांच देशों में शामिल है.
विश्व आर्थिक मंच के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में भारत इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा, जबकि चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही. वहीं, स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को छोड़कर सबसे ख़राब रहा.
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2018 में देश के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 39 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि पचास प्रतिशत ग़रीब आबादी की संपत्ति में महज़ 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
विश्व आर्थिक मंच की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कुछ कहा वो सब वे तीन साल से बोल रहे हैं. आपको बुरा लगेगा लेकिन आप प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की व्याख्या देखेंगे तो वह दसवीं कक्षा के निबंध से ज़्यादा का नहीं है.
सर्वे के अनुसार, वैश्विक स्तर पर पहली बार मीडिया सबसे कम भरोसेमंद संस्थान बना. भरोसे में सर्वाधिक कमी के मामले में अमेरिका अव्वल रहा.
जन गण मन की बात की 185वीं कड़ी में विनोद दुआ विश्व आर्थिक मंच की शिखर बैठक में शामिल होने दावोस गए नरेंद्र मोदी और भारत की आर्थिक असमानता पर चर्चा कर रहे हैं.
विश्व आर्थिक मंच ने सालाना शिखर बैठक से पहले जारी की सूची. स्विट्ज़रलैंड के दावोस शहर में होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे शामिल.
विश्व आर्थिक मंच की बैठक में शामिल होने दावोस जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया गया है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश की अर्थव्यवस्था सभी के लिए काम करती है, न कि सिर्फ़ चंद लोगों के लिए.
अर्थव्यवस्था और कम वेतन में महिलाओं की भागीदारी के निचले स्तर पर रहने से भारत महिला पुरुष समानता सूचकांक में 21 पायदान फिसलकर बांग्लादेश से भी पीछे आ गया है.