पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि भारत में इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. गांवों में, इसकी वजह से अराजकता फैल जाएगी.’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को समझे जाने की ज़रूरत है कि पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार नहीं है, बशर्ते की पत्नी की उम्र 18 साल से कम न हो.
मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि शादी जैसे रिश्ते में पुरुष और महिला दोनों को ही शारीरिक संबंध के लिए न कहने का अधिकार है.
अगर घर की चारदीवारी के भीतर अन्य अपराध होते हैं, तब हम कैसे मान सकते हैं कि मैरिटल रेप नहीं होता होगा?
दिल्ली हाईकोर्ट में मैरिटल रेप पर हो रही सुनवाई में केंद्र ने कहा कि पश्चिमी देशों में इसे अपराध माने जाने का ये मतलब नहीं कि भारत भी आंख मूंदकर वही करे.