आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था लोगों को समान अवसर उपलब्ध नहीं करा पाई है, इसलिए ग़रीब और ग़रीब होता जा रहा है जबकि अमीर और अमीर हो रहे हैं.
नोटबंदी के फ़ैसले के बाद से अर्थव्यवस्था के और अधिक वित्तीयकरण के प्रयासों का परिणाम होगा कि आगे किसी भी वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को ज़्यादा चोट पहुंच सकती है.