हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण प्रमुख ने कोरोना संक्रमण को रोकने की दलील देते हुए कहा कि टीकाकरण के लिए चेहरा पहचान तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है. हालांकि अधिकार संगठनों ने इसे लोगों की निजता के साथ खिलवाड़ बताया है.
जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक के पहले मसौदे को तैयार किया गया था. हालांकि सरकार ने इसमें कई संशोधन कर दिए हैं, जिसके तहत केंद्र को ये अधिकार मिलता है कि वे ‘देश की संप्रभुता और अखंडता के हित में’ किसी सरकारी एजेंसी को निजता नियमों के दायरे से बाहर रख सकते हैं.