राज्य के तीन ज़िलों में ज़हरीली शराब पीने से दम तोड़ चुके लोगों की संख्या 112 हो चुकी है, जबकि कइयों का इलाज चल रहा है. बीमार लोगों ने बताया कि उनकी आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है. वहीं पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें शव सौंपने में देर की जा रही है.
बुधवार रात से अब तक तरन तारण में 63, अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 मौतें हुईं हैं. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी शर्मनाक है.
बीते दो दिनों में पंजाब के तीन ज़िलों में नकली शराब पीने से हुई 40 से अधिक मौतों के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं आंध्र प्रदेश में शराब न मिलने पर सैनेटाइजर पीने से दस लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है.
पंजाब में शराब की होम डिलीवरी करने की तैयारी. दिल्ली सरकार ने शराब पर स्पेशल कोरोना फीस के तौर पर 70 प्रतिशत का टैक्स लगाया. मुंबई में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
असम सरकार ने ऐलान किया है कि 58 लाख परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक अप्रैल से निशुल्क चावल उपलब्ध कराए जाएंगे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि म्यूज़िक सीडी और शीशे के गिलास के विज्ञापनों में उत्पादों के नाम छोटे अक्षरों में लिखे होते हैं जबकि शराब कंपनियों के लोगो बड़े ही स्पष्ट तरीके से दिखाए जाते हैं. ये विज्ञापन प्रतीकात्मक तरीके से शराब के सेवन और बिक्री को बढ़ावा देते हैं.
कैमूर जिले के भभुआ में एक गोदाम से ज़ब्त की गई बीयर गायब होने पर अधिकारियों का कहना है कि देखकर ऐसा लगता है कि बीयर के कैन चूहों ने कुतर दिए हैं, जिससे वे ख़ाली हो गए.
एएमयू को एक लड़की की गुस्ताख़ी पसंद नहीं आई, इसलिए एक ऐसा नारा जो इस्लामिक भी नहीं है उस पर हायतौबा मची है. ये देखना भी कम दिलचस्प नहीं है कि यूनिवर्सिटी किसी ज़िम्मेदार शैक्षणिक संस्थान की तरह व्यवहार करने की बजाय फ़तवे की किताब खोलकर बैठ गई है.
उत्तराखंड में शराब बेचने का लाइसेंस पाने के लिए पांच लाख रुपये फीस भरनी होगी और इसके लिए दुकान का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये होना चाहिए.
पुलिस ने कहा, सामाजिक ज़िम्मेदारी समझें गायक. गानों में शराब, हथियार आदि के महिमामंडन से युवाओं में बढ़ रही हैं आपराधिक प्रवृत्तियां.
खान-पान और आस्था के नाम पर लोगों को नये-नये अंधकूपों में धकेला जा रहा है.